संवेदनाएं-2
नीचे दी रचना श्री दिगंबर नासवा, जी की एक रचना से प्रेरित , इसनें भाव तो उनके ही हैं ,यहाँ तक की लगभग सभी शब्द भी उन्ही के हैं ,मैं उनकी सम्बंधित रचना पढ़ प्रशंसात्मक टिप्पणी लिखने का प्रयत्न कर रहा था कि मैं यह कर बैठा ,उनकी उस रचना के उतरार्ध को छंद बद्ध करने का प्रयत्न करने कि गुस्ताखी कर बैठा उनकी अनुमति से उनको समर्पित करते हुए मैं इसे कबीरा पर प्रकाशित कर रहा हूँ | पाठक उनके ब्लॉग '' स्वप्न मेरे '' पर '' अनबुझी प्यास'' अवश्य पढ़ें जैसे सहयात्री हो नीले सागर का , कोसों कोस साथ चले ये रेत-समुन्दर भी , तोड़ तट के हर बंधन उन्मुक्त सागर लहरें , करती उदघोष और नर्तन जब आतीं हैं ' ले आगोश हर रेती- कण की प्यास बुझाती हैं , सागर को अपनी छाया देते नीलाभ गगन पर, ऐसे ही क्षण इन्द्रधनुषी रंग बिखर जातें है , पर प्यास अनन्त अतः मिलन दोहराए जाते हैं|| *********************************************************************** हाँ यह मेरी है ,प्रकाशन के पूर्व जरासी चूक से प्रथम अक्षर गायब होगया पता नही क्याथा ,कभी याद आया तो संशोधित कर दूंगा ,कम्प्यूटर फोर्मेट करते समय संकलन ही उड़ गया संवेदना ??? ; संवेदना है / मौन : सांत्वना है / स्पर्श : सुकूं है / शब्द : रुदन है = ??? : आँसू हैं / मुस्कान : इबादत है / हँसी : समर्पण है/ मिलन : ब्रह्म है // |
9 टिप्पणियाँ:
ऐसे ही क्षण इन्द्रधनुषी रंग बिखर जातें है , पर प्यास अनन्त अतः मिलन दोहराए जाते हैं||
अतिसुन्दर.
दिगंबर जी बहुत अच्छा लिखते है ,ये रचना भी सुन्दर है .
'प्यास अनन्त अतः मिलन दोहराए जाते हैं||'
-एक सच को उजागर करती सुन्दर पंक्तियाँ.
आपने मेरे भावः को इतना सुन्दर शब्द संसार दिया है और मुझे भी कल्पना और शब्दों को मिश्रित कर लिखने की नयी प्रेरणा दी है......... लाजवाब
आपने मेरे भावः को इतना सुन्दर शब्द संसार दिया है और मुझे भी कल्पना और शब्दों को मिश्रित कर लिखने की नयी प्रेरणा दी है......... लाजवाब
नासवाजी की रचनायें इतनी संवेदना लिये होती हैं कि एक रचना से कई रचनायें रची जा सकती हैं उन्हें पढ कर एक सुखद अनुभूति होती है और आपने उस से एक लाजवाब रचना रची है बधाई्
??? ; संवेदना है /(धडकन)
मौन : सांत्वना है /
स्पर्श : सुकूं है /
शब्द : रुदन है =
??? : आँसू हैं /=(दर्द)
क्या ये जवाब हो सकते है? आपकी रचना मेन को बहोत भा गइ।
मुस्कान : इबादत है /
हँसी : समर्पण है/
मिलन : ब्रह्म है //
sundar kavita !
sundar kavita !
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